Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -29-Sep-2022 बेटियों के गुणगान

शीर्षक- बेटियों के गुणगान

बेटियां होती भारत मां की ताज ,
धरती मां की होती शान ,
परिवार की होती मान।

फिर क्यों समझते हो बोझ,
बेटी नहीं होती कमजोर,
बेटी तो करती नाम रोशन।

आगे बढ़कर चला रही है शासन,
बैठ गई है बनकर पद्मासन।
देश का बन रही हैैं प्रभात।

पढ़ लिख कर कर रही नाम उजागर,
चारों तरफ हो रहा बेटियों का उद्भाव,
 बेटियों का हो रहा गुणगान।

द्रौपदी मुर्मू थी बेटी,
बनी वो राष्ट्रपति,
चला रही है शासन नीति।

बेटियां नहीं होती किसी से कम,
लड़ रही है आज सभी से जंग,
हर क्षेत्र में बना रही अपना स्तंभ।

ओलंपिक देखो या टूर्नामेंट,
हर जगह जीत रही  हैैं गोल्ड मेडल,
बना रही है  भारत में अपनी रैंक।

कहीं पायलट तो कहीं अंतरिक्ष यान,
ना छोड़ी कोई जगह आज,
सब जगह बखूबी निभाती अपना काम।

बन रही है अग्निवीर,
शस्त्र लेकर खड़ी है बेटियां,
दिखा रही है अपना जज्बा।

कभी चंडी तो कभी पार्वती,
कितने रूप हमें दिखलाती,
समय समय पर अपना रंग बताती।

सूरज की प्रभा है बेटियां
शशि की शीतलता है बेटियां,
सितारों सी चमकती है बेटियां।

ऐसी है हमारी बेटियां,
हीरे जैसी है बेटियां,
महान है हमारी बेटियां

  लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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9 Comments

Swati chourasia

01-Oct-2022 08:44 PM

बहुत ही बेहतरीन रचना 👌

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👌🏼 👌🏼 👌🏼 लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Bahut khoob 💐🙏🌺

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